Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि आज खुशी की बात है की पौड़ी लोकसभा पूरी तरह कांग्रेस मुक्त हो चुकी है।
देहरादून। बद्रीनाथ से मौजूदा विधायक राजेंद्र भंडारी ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। उन्होंने दिल्ली बीजेपी दफ्तर में जॉइनिंग की। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम और पौड़ी प्रत्याशी अनिल बलूनी भी मौजूद रहे।
वहीं कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने जताई खुशी है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है की मेरी विधानसभा जहां का मैने प्रतिनिधित्व किया वहां के विधायक ने भाजपा की सदस्यता ली है।
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महेंद्र भट्ट ने कहा कि अनेकों लोग हैं जो आज प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री धामी के कामों से प्रेरित हो कर देश के विकास में योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये क्रम अब चलता रहेगा।
जानिए कौन हैं राजेंद्र भंडारी
चमोली जनपद के पोखरी विकास खंड के नैली ऐंथा गांव निवासी राजेंद्र भंडारी ने छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत की थी। वर्ष 2002 से 2007 तक वे चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रहे। 2007 में नंदप्रयाग विधानसभा से वे निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीते और भाजपा की खंडूड़ी सरकार में 2012 तक खेल मंत्री रहे थे। वर्ष 2012 में उन्हाेंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा और बदरीनाथ विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। तब वे हरीश रावत सरकार में अंतिम छणों में तीन माह तक कृषि मंत्री रहा। वर्ष 2017 में वे महेंद्र भट्ट से चुनाव हार गए थे और 2022 में फिर विधायक बने।
पत्नी पर लगे थे घोटाले के आरोप
बता दें राजेंद्र भंडारी की पत्नी चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी पर नंदा देवी राजजात के कार्यों में धांधली के आरोप लगे थे। जिसके बाद उन्हें पद से हटा दिया था। मामले को लेकर रजनी भंडारी ने कहा है कि सरकार की ताकत के बल पर उन्हें हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मामले को लेकर भंडारी ने कहा था कि भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट 2022 के विधानसभा चुनाव में हार को देखते हुए षड्यंत्र रच रहे हैं। विधायक उनकी पत्नी को झूठे आरोपों में फंसाने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। विधायक सत्ता का गलत इस्तेमाल कर 2011 के मामलों की जांच कर फंसाना चाहते हैं। उनका कहना है कि मामले की पहले ही जांच हो चुकी है। लेकिन विधायक के दबाव में फिर से जांच कराई जा रही है।