इंसान की मौत के बाद मृत्युभोज तो आपने सुना होगा, क्या आपने बंदर की मौत का मृत्युभोज सुना है। नहीं तो आईए यहां जानते है क्या है ये पूरा मामला…..
जब किसी की मौत हो जाती है तो अलग अलग तरीके से उसका अंतिम संस्कार किया जाता है, लेकिन यूपी में एक ऐसा गांव है… जहां हिंदू धर्म के रीति-रिवाज के अनुसार एक बंदर का अंतिम संस्कार किया गया। यही नहीं तेरह दिन बाद आज मृत्युभोज का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें आसपास के गांव के लोगों को भोजन कराया गया और पूजा अर्चना की गई।
बंदर की मौत के बाद किया गया मृत्युभोज
दरअसल ये पूरा मामला अमेठी जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र स्थित पूरे भिच्छुक मिश्र का पुरवा गांव का है। जहाँ तेरह दिन पहले एक बंदर मौत हो गई थी। इसके बाद बंदर के शव को बाकायदा किसी मनुष्य के तरह शव का पूरी परंपराओं के साथ अंतिम संस्कार किया गया। तेरह दिन बीतने के बाद आज तेरहवीं का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम आस पास के कई गांव के ग्रामीण शामिल हुए।
13 दिन पहले हिंदू रीति से किया गया था अंतिम संस्कार
ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि हमारे गांव में एक बंदर 15 दिन पहले आया था, जो गंभीर रूप से घायल था जिसका इलाज कराया गया था। इसका एक हाथ जला हुआ था जैसे विद्युत आपूर्ति की चपेट में आ गया हो। लेकिन 13 दिन पहले उस बंदर की मौत हो गई। जिसके बाद हिंदू रीति रिवाज से बंदर का अंतिम संस्कार किया गया।
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आज बंदर के आत्मा की शांति के लिए ब्रह्मभोज का आयोजन किया गया है जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। कार्यक्रम को पूरी ग्रामसभा ने मिलकर आयोजित किया।