
विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर आज देशभर में भोजन की बर्बादी रोकने और पौष्टिक आहार को प्रोत्साहित करने का संदेश दिया गया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा, पोषण और सतत कृषि व्यवस्था को लेकर जनजागरूकता बढ़ाना है।
इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों, स्कूलों, संस्थानों और सरकारी विभागों ने “भोजन सभी का अधिकार है” की भावना के साथ भोजन के संरक्षण और समान वितरण का संकल्प लिया। आमजन से अपील की गई कि वे भोजन की अनावश्यक बर्बादी से बचें और जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने में अपना योगदान दें।
कार्यक्रमों के दौरान वक्ताओं ने कहा कि जब दुनिया के कई हिस्सों में लोग भूख से जूझ रहे हैं, तब भोजन की बर्बादी नैतिक और सामाजिक दोनों रूप से अनुचित है। साथ ही, उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे संतुलित, पौष्टिक और स्थानीय खाद्य पदार्थों को अपनाएं, ताकि न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुधरे बल्कि स्थानीय किसानों और पर्यावरण को भी लाभ मिले।
विश्व खाद्य दिवस का यह संदेश स्पष्ट है —
“भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि एक स्वस्थ, सक्षम और समावेशी समाज की नींव है।”
आज का दिन हम सभी को यह सोचने का अवसर देता है कि हम अपने भोजन, अपने स्वास्थ्य और दूसरों की भूख के प्रति कितने संवेदनशील हैं। आइए, इस विश्व खाद्य दिवस पर हम भोजन के सम्मान और संतुलित आहार की संस्कृति को अपनाने का संकल्प लें।