
उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ धाम के लिए प्रस्तावित रोपवे परियोजना को लेकर अडानी समूह ने उत्साह व्यक्त किया है। समूह के अध्यक्ष और उद्योगपति गौतम अडानी ने सोशल मीडिया पर इस महत्वाकांक्षी परियोजना की एक भविष्य की तस्वीर साझा की है, जो दर्शाती है कि यह प्रोजेक्ट कैसे तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाजनक और आधुनिक होगा।
गौतम अडानी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि केदारनाथ रोपवे न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने इस परियोजना को आस्था और प्रगति का संगम बताते हुए कहा कि अडानी समूह इसे सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तराखंड सरकार ने भी इस परियोजना को राज्य के पर्यटन और धार्मिक महत्व को बढ़ाने वाला बताया है। राज्य के पर्यटन विभाग के अधिकारी इस परियोजना को राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में एक बड़ा कदम मान रहे हैं।
केदारनाथ रोपवे परियोजना के पूरा होने से तीर्थयात्रियों को लंबी दूरी पैदल चलने की जगह अधिक आरामदायक और तेज़ी से दर्शन स्थल तक पहुंचने का अवसर मिलेगा, जिससे यात्रा का अनुभव और भी बेहतर होगा।
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण अडानी ग्रुप कर रहा है। ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडानी ने जारी वीडियो में बताया है कि वह आस्था को सुविधा से जोड़ने का कदम उठा रहे हैं। इस रोपवे के बनने से अब तक केदारनाथ का जो सफर आठ से नौ घंटे में पूरा होता है, वह महज 36 मिनट में हो जाएगा।
रोपवे में जो गोंडोला (ट्रॉली) इस्तेमाल किया जाएगा, उसमें एक बार में 35 तीर्थयात्री बैठ सकेंगे। एक घंटे में सोनप्रयाग से केदारनाथ या केदारनाथ से सोनप्रयाग के बीच 1800 तीर्थयात्री रोपवे से जा सकेंगे। यह भारत का पहला ऐसा रोपवे होगा जो कि 3-एस ट्राइकेबल तकनीक पर चलेगा। यह ऐसी केबल कार प्रणाली है, जिसमें तीन केबल का इस्तेमाल होता है। यह विश्व की सबसे सुरक्षित व अत्याधुनिक तकनीक मानी जाती है।
सुरक्षित व सुगम यात्रा भी कराएगा
अडानी ने वीडियो के माध्यम से कहा है कि यह रोपवे समय तो बचाएगा साथ में सुरक्षित व सुगम यात्रा भी कराएगा। स्थानीय पर्यटन व अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए सतत निर्माण मंजूरी हमारा वादा है।
आपको बता दें कि वर्तमान में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक शटल सेवा संचालित होती है। इसके बाद गौरीकुंड से केदारनाथ की 19 किलोमीटर पैदल यात्रा होती है। इसी यात्रा में घोड़े-खच्चरों, डोली की भी सुविधा मिलती है। रोपवे शुरू होने के बाद सीधे सोनप्रयाग से केदारनाथ की यात्रा होगी।