
प्रधानमंत्री पोषण योजना (पूर्व में मिड-डे मील योजना) के तहत बच्चों को दिए जाने वाले पोषण सामग्री को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार, स्कूली बच्चों को जो दूध वितरित किया गया, वह पांच साल पुराना और एक्सपायरी पाया गया। इस गंभीर लापरवाही से बच्चों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, यह दूध स्कूलों को सरकारी आपूर्ति चैनल के माध्यम से भेजा गया था। जब कुछ शिक्षकों और अभिभावकों ने दूध के पैकेट पर छपी तारीखों की जांच की, तो पाया गया कि उसका उत्पादन वर्ष 2018 था और एक्सपायरी डेट 2019 में ही समाप्त हो चुकी थी।
बिण और मूनाकोट में जब दूध बंटा तो बच्चों और अभिभावकों को उसकी एक्सपायरी डेट पर नजर पड़ी। अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक के लिए दिए गए पैकेटों में वर्ष 2020 अंकित थ । जिसे लेकर तत्काल पिथौरागढ़ आंचल दुग्ध से सम्पर्क किया गया।
दुग्ध संघ प्रबंधक केअनुसार तत्काल विद्यालयो में जाकर पैकेटों का निरीक्षण किया तो पैकिंग तिथि एवं वैधता तिथि की प्रिंट यही दिखा। प्रबंधक यूसीडीएफलि मंगल पड़ाव हल्द्वानी से इस समस्या का समाधान की मांग की गई ।
बात आंचल दुग्ध अमृत योजना रुद्रपुर तक पहुंची।
इस मामले ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। वहीं, अभिभावकों में इस घटना को लेकर भारी नाराजगी है।
पोषण योजना का उद्देश्य बच्चों को स्कूल में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है, ताकि उनके शारीरिक और मानसिक विकास को प्रोत्साहन मिल सके। लेकिन इस तरह की लापरवाही से न केवल इस उद्देश्य को ठेस पहुंचती है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ भी सीधा खिलवाड़ होता है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा दूध के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चों को परोसे गए दूध से कोई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत हुई है या नहीं।
**hepato burn**
hepato burn is a potent, plant-based formula created to promote optimal liver performance and naturally stimulate fat-burning mechanisms.