सात दिवसीय इस देव उत्सव में श्री मद भागवत कथा के रसपान के साथ कुबेर देवता का महा अभिषेक पूजा और पारंपरिक देव लोक गीतों और दांकुड़ी चोफला भजन संध्या का भी सातों दिन तक आयोजन होगा।
रिपोर्ट -सोनू उनियाल
जोशीमठ। बदरीनाथ धाम की यात्रा का एक अहम पड़ाव और पांडु नगरी के नाम से प्रसिद्ध जोशीमठ क्षेत्र की आध्यात्मिक नगरी पांडुकेश्वर में बुधवार को कुबेर देवरा महोत्सव का आगाज हो गया है। सात दिवसीय इस देव उत्सव में श्री मद भागवत कथा के रसपान के साथ कुबेर देवता का महा अभिषेक पूजा और पारंपरिक देव लोक गीतों और दांकुड़ी चोफला भजन संध्या का भी सातों दिन तक आयोजन होगा।
इस दौरान बसंत पंचमी के दिन विशेष गाडू घड़ा उत्सव का आयोजन होना है। कुबेर देवरा समिति पांडुकेश्वर के द्वारा अयोजित इस देव उत्सव के पहले दिन सेना के बैंड और ढोल दमांऊ की मधुर धुनों के बीच भगवान कुबेर के भजनों के साथ बदरीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी और कुबेर देवरा उत्सव में हो रहे भागवत कथा के व्यास आचार्य भुवन चंद्र उनियाल को पालकी में बिठा कर आदर पूर्वक कुबेर चौक तक लाया गया। जिसके पश्चात पांडुकेश्वर गांव की महिलाओं द्वारा पारंपरिक लोक भेष – भूषा के साथ भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली।
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बुधवार को पांडु नगरी में बड़ा ही देव उत्सव सा माहौल है और हो भी क्यूं ना पांडुकेश्वर गांव के आराध्य देवताओं में से एक भगवान बदरी विशाल जी के खजांची श्री कुबेर भगवान जी का देवरा उत्सव शुरू हो चला है। पांडुकेश्वर में घर – घर में उत्सव और त्योहार मनाया जा रहा है। कुबेर चौक में भगवान श्री कुबेर जी के मंदिर को भव्य रूप से सुसज्जित किया गया है,सैकड़ों लोगों की आवाजाही से कुबेर चौक भी गुलजार हो चला है।