Solar Eclipse 2024: सूर्य ग्रहण की घटना को देखकर हम इंसान तो विस्मित होते ही हैं, इस अद्भुत खगोलीय घटना का असर जानवरों पर भी होता है। यहां जानें सूर्य ग्रहण के दौरान किस जानवर पर कैसा असर होता है…
साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है। यह सूर्य ग्रहण 50 वर्षों बाद सबसे लंबा चलने वाला ग्रहण होगा जो करीब 5 घंटे और 25 मिनट तक चलेगा। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा, जिसके चलते जब ग्रहण अपने चरम पर होगा तब कुछ समय के लिए पृथ्वी पर अंधेरा छा जाएगा।
50 वर्षों बाद सबसे लंबा चलने वाला सूर्य ग्रहण
पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, कनाडा, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नजर आएगा। इस दौरान 4 मिनट 9 सेकंड तक पूरी तरह अंधेरा रहेगा। ये वक्त पहले के सूर्य ग्रहणों की तुलना में बेहद लंबा है। हालांकि, इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन इसका असर पूरी पृथ्वी पर रहेगा।
4 मिनट 9 सेकंड तक पूरी तरह अंधेरा रहेगा
पर क्या आपने सोचा है कि सूर्य ग्रहण के दौरान दिन में अंधकार होने की जिस घटना को हम रोमांचित होते हैं, उसे देखकर जानवरों का व्यवहार कैसा रहता होगा? तो चलिए आज हम बताते हैं कि आखिर जानवरों पर सूर्य ग्रहण का असर किस तरह का होता है, साथ ही सूर्य ग्रहण लगते ही उनके अंदर किस तरह के बदलाव आते हैं….
100 साल पहले हुआ था रिसर्च
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 100 साल पहले न्यू इंग्लैंड के रहने वाले व्लियम व्हीलर नाम के एक कीटविज्ञानी ने इस पर एक रिसर्च किया था। उन्होंने सूर्य ग्रहण के दौरान ये देखने की कोशिश की थी कि अलग-अलग जानवरों पर इस ग्रहण का किस तरह का प्रभाव दिखता है। इसके लिए उन्होंने 1932 में बकायदा अखबारों में विज्ञापन भी दिया था।
किस जानवर पर कैसा असर हुआ
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैसे ही ग्रहण लगा और अंधेरा हुआ उल्लू शोर मचाने लगे। वहीं मधुमक्खियां अपने छत्ते में वापिस लौटने लगीं। अलग-अलग जानवरों के व्यवहार से जुड़ी 500 कहानियां इस रिसर्च से सामने आई थीं। इसके अलावा पेड़-पौधों और पक्षियों से जुड़ी कहानियां भी थीं।
2017 में फिर हुआ था रिसर्च,नतीजे पहले के मुकाबले बेहद अलग
साल 2017 में इसी तरह का एक रिसर्च और हुआ। इस दौरान लगभग 2 मिनट 42 सेकंड का सूर्य ग्रहण लगा था। हालांकि, इस बार के नतीजे पहले के मुकाबले बेहद अलग थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि जैसे ही ग्रहण लगा जिराफ नर्वस हो गए और इधर उधर भागने लगे। जबकि, कछुए अपने पार्टनर के साथ मेटिंग करने लगे। वहीं मधुमक्खियों ने भिनभिनाना बंद कर दिया। जबकि भालू इस ग्रहण के दौरान पूरी तरह से शांत हो गए, ग्रहण के समय वो आराम करने लगे, जबकि एक भालू ने तो अपना सिर इस तरह से झुका लिया जैसे उसे इससे कोई मतलब ही ना हो। वहीं रात में शिकार करने वाले पक्षियों की बात करें तो ग्रहण के दौरान उनमें बहुत ज्यादा हलचल देखी गई।
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बता दें कि पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान वैज्ञानिक और शोधकर्ता चिड़ियाघर से ही पैनी नजर रखेंगे। अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना में एनसी स्टेट यूनिवर्सिटी ग्रहण के दौरान पता लगाएगी कि इसका वन्य जीवों पर क्या असर होगा। इस प्रयोग में टेक्सास राज्य चिड़ियाघर में 20 जानवरों के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा।