Chamoli Foundation Day 2024: 24 फरवरी 1960 में 3 नये जिले अस्तित्व में आए थे। जिसमें पिथौरागढ़ (Pithoragarh), उत्तरकाशी और चमोली (Chamoli) शामिल हैं।
चमोली। गोपेश्वर महाविद्यालय में शनिवार को जनपद चमोली का स्थापना दिवस मनाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में कार्यक्रम संयोजक डॉ डीएस नेगी ने कहा कि पिछले 64 वर्षों में जनपद ने विकास की एक लंबी छलांग लगाई है। जनपद चमोली ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 11 महाविद्यालयों, एक इंजीनियरिंग एवं एक नर्सिंग कॉलेज की स्थापना के साथ नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं तथा तीर्थाटन एवं पर्यटन के क्षेत्र में विश्वभर में नई पहचान बनाई है।
24 फरवरी 1960 को चमोली जनपद की स्थापना
भारत-चीन सीमा पर स्थित चमोली जिला सुरंम्य होने के साथ ही धार्मिक ख्याति के चलते पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। 1960 में अस्तित्व में आए इस जिले में कितनी भी प्राकृतिक मुसीबतें आई हों लेकिन यहां के लोग हर बार हौसला दिखाते हुए आगे बढे़ हैं। भारत पर चीन आक्रमण के कारण वर्ष 1960 में पौड़ी जनपद से पृथक कर चमोली को अलग जिला बनाया गया।लगभग 7520 वर्ग किलोमीटर और करीब 4,54,262 आबादी वाले चमोली में गढ़वाली, कुमाऊंनी, भोटिया भाषाएं बोली जाती हैं। ज़िले में बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, औली जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थल हैं, जो आर्थिकी की नीव हैं। यहां हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं।
ये भी पढ़ें:हल्द्वानी हिंसा का ‘मास्टरमाइंड’ अब्दुल मलिक दिल्ली से गिरफ्तार, हिंसा के बाद से था फरार
बता दें कि 24 फरवरी 1960 में 3 नये जिले अस्तित्व में आए थे। पिथौरागढ़ (Pithoragarh) , उत्तरकाशी और चमोली (Chamoli) जैसे बॉर्डर जिलों का गठन सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर किया गया था। इन छह दशकों में बॉर्डर के इन जिलों में बेहतरीन सुरक्षा तंत्र भी खड़ा हो चुका है।